Tuesday, August 23, 2011

प्यास

प्यास
एक प्यास जो बुझती नही कभी
वो उमर जो भूलती नही कभी
जो जिन्दगी हसीन सपनों मे खो गई
वो हकीकत मे क्यों भूलती नही कभी
वो अपने घर खुश तू अपने घर
पत्थर मे मोम घुलती नही कभी
यह दुनिया फरेबो -छल की अर्पण
सच्चाई की तस्वीर उभरती नही कभी
यह नशे-मन चिलमन तुझे तेरे प्यार का है
प्यार वो अग्नि है अर्पण जो भुझती नही कभी
राजीव अर्पण

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