Monday, August 29, 2011

हसीन याद

हसीन याद
उसकी हसीन याद आती रही
हसीन ख्वाब दिखाती रही
एक हसीन दर्द देती रही
दिल मेरा दुखती रही
जिन्दगी को तमना से मीनता रहा
जिन्दगी सुकडती रही सुक्चाती रही
जिन्गदी ख्वाबो से मेल खाती नही
यह सोच मुझे तडपती रही
मैंने जिन्दगी जी , ओह जी के नही
घुटती रही , शर्माती रही
हीनता का जख्म रिसता ही रहा
एक प्यास मुझे सदा सताती रही
राजीव अर्पण
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उदास राहे
उदास दिल और उदास राहे
धडकता दिल और सिसकती आहे
हाय अर्पण हम अपनी कहानी
किस- किस को जा के सुनाये
राजीव अर्पण

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