Thursday, June 16, 2011

तू ही बता

तू ही बता
जब तुम से नजर मिल जाये
तो आईना मुझ से कहता है
यह सच है अरे बांबरे
तू उस के ,वो तेरे दिल मै रहता है
महक जाये अर्पण तेरा रोम -रोम
उसकी प्यारी एक नजर से
दिल से प्यार का सुंदर चश्मा
तेरे मुखड़े पे आके वहता है
जब तुम से नजर मिल जाये
ऐसा जीने का एहसास होता है
जेसे फूलो को होता है बहार मे
महक की तरह बिखर जाते है
ख्वाब जिन्दगी के गुलजार मे
मुरझाता है तो बिरहा गाता है
क्या करे बहार की इंतजार मे
मेरे महबुब मुझे तू ही बता
क्या ऐसा ही होता है प्यार मे
अर्पण राईट गरुप को समर्पित
राजीव अर्पण

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