Monday, June 27, 2011

करू या न

करू या ना
तुम्हे दिल मे रख के मै रोया करू या ना
तुम्हे याद कर -कर के मे सोया करू या ना
दिल मे जख्म रिस्ते है ना पूरे हुये ख्वाबो के
आंसू पी के प्रीत से उने धोया करू के ना
वो हसीन ख्वाब जो लगते थे दिल के अंगन मे
तेरी हंसी ,अदायो के बीज अब बोया करू के ना
मै उदास हू ,परेशान हू अपनी यह जिन्दगी से
बता तेरी हसीन अदायो मे खोया करू के ना
तुम्हे देख कर दिल बहल सा जाता है अर्पण
बता तेरे अंजुम मे ,मै होया करू के ना
राजीव अर्पण
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केसे
तुम्हे केसे जिया जाये यह मेरी जिन्दगी
तुम से उलझू या समझोता किया जाये जिन्दगी
वो हसीन ख्वाब ,वो उम्र वो दिन उमगे तरंगे
उन्हें छोड़ दू या साथ ही लिया जाये मेरी जिन्दगी
जो तू गुजरी मेरे साथ है तल्खियो से भरी अर्पण
तुम्हे याद करू या भुला दिया जाये मेरी जिन्दगी
राजीव अर्पण

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