Monday, May 23, 2011

मोसम

मोसम
रिम -झिम ,रिम -झिम बरसात आई है
उमड़ -घुमड़ के बदली छाई है
काश सजन आये मिलने मुझे
धरती ने मखमली सेज बिछाई है
हाय मस्ती मै खो गया दिल मेरा
बहारो ने मधुर धुन बजाई है
दिल डूब रहा है जज्बातों मै अर्पण
साजन मुझे तेरी याद आई है
दिल दीवाना हुआ अर्पण बरसात मे
हर पल उसके आने की आहट आई है
राजीव अर्पण

No comments:

Post a Comment