Monday, May 30, 2011

तुम बचालो

तुम बचालो
मुझे तुम बचालो,मुझे तुम बचा दो
प्यार करके मुझ को जिन्दगी को सज़ा दो
कोई साहिल नही है ,बेबस जिन्दगी का
मेरे जीवन की नईया पार तुम लगा दो
मंजिल नही है ,है सिसकते अँधेरे
प्यार से भर के आंखे ख्वाब तुम दिखा दो
हाय सर्द जिन्दगी है ,चश्मे रुक गये है
बहार बन के आयो गुलशन खिला दो
बेबस आत्मा भी बे-आस हो गई है
फिर प्यार से पुकारो मेरी रूह को जगा दो
तडपता हुआ दिल अर्पण क्या खी लगे गा

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