Friday, May 20, 2011

जेसे गुजरे गुजार ले

जेसे गुजरे गुजार ले
जेसे गुजरे गुजार ले
अपने दिल को तू मर ले
बेठा है तेरे भीतर ही
उस प्रीतम को पुकार ले
जेसे गुजरे गुजार ले
दुनिया को क्या समझाये है
खुद को तो पहले सुधार ले
आया है तेरे दर पे जो
जी भर के उस का दीदार ले
जेसे गुजरे गुजार ले
क्या करे गा किसी का प्यार
पहले आत्मा का प्यार ले
सामने तेरे पत्थर का भगवान
बस उसी को दिल मै उतार ले
जेसे गुजरे गुजार ले
मिलता है जहा दिल को सकून
उसे दिल भर के निहार ले
ख्वाबो के गुलजार लगा के
अपना जीवन अर्पण संवार ले
जेसे गुजरे गुजार ले
राजीव अर्पण

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