Monday, May 30, 2011

गीत मेरा

गीत मेरा
अब तुमे और तुम्हारे सपने
याद करते हुए डर सा लगता है
कही देख के हसीन रगीन दुनिया
दिल यह गमगीन दुनिया ना लुटा बेठे
अब तुमे और तुम्हारे सपने
अब जवानी का वो खून ना रहा
वो बे-फिकरिया सकून ना रहा
फर्क देख के जमीन असमान सा
दहशत से दिल,दिल ना बेठा बेठे
अब तुमे और तुम्हारे सपने
ख्वाब हकीकत ना हो के जहर बन गये है
जो थे दिल का सकून कहर बन गये है
उन मे जीना फिर भी इस से बेहतर है
डर है हकीकत मे जिन्दगी ना गवा बेठे
अब तुमे और तुम्हारे सपने
तुमे याद कर के जीना अच्छा लगता है
आहे भर के आंसू पीना अच्छा लगता है
याद वेसे नही आती ,वो दीवानगी नही छाती
जेसे तुम से उससे भी ठोकर खा बेठे
अब तुमे और तुम्हारे सपने **
राजीव अर्पण

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