Friday, May 20, 2011

हो गया है

हो गया है
यह मुझे क्या हो गया है
दिल मेरा कहा खो गया है
चलती हुई लहरों पे
मेरा मुकदर सो गया है
पहले मुझे आंसू दे के
आज खुद क्यों रो गया है
हवा के काफले पे आंसू मेरे
यह बादल पिया के देशको गया है
कोन है अर्पण कहा है अर्पण
आरी वही बांवरा आभी जो गया है
राजीव अर्पण

1 comment:

  1. IT IS DIFFICULT WRITE IN SMALL LINES THAN LONG LINES RAJIV ARPAN

    ReplyDelete