Monday, May 23, 2011

चाँद

चाँद
हसीनो के दिल होते है फूलो जेसे
वो तो है सुमन उस का दिल केसा होगा
वो पहलू मे थे सारा आलम सो रहा था
दिल पूछे है ,फिर कब मिलन वेसा होगा
रात उनके बदन से रही थी चांदनी
वो चाँद था जिसे समझे चाँद जेसा होगा
मेरे दिल की जन्नत हो जीनत हो तुम्ही
तुमे पा के मेरा जीवन सपनों जेसा होगा
तेरी कमी फिर भी कचोटे गी अर्पण मुझे
मेरे पास लाख हुस्न और लाख पैसा होगा
राजीव अर्पण
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ना लूटो
यू ना मुझे अपनी अदायो से लूटो
लूटना है तो अपनी बफाओ से लूटो
चुप रहके मेरे दिल को लूटे जाते हो
दिल लूटना है तो अपनी सदाओ से लूटो
राजीव अर्पण

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