Monday, May 30, 2011

केद किये

केद किये
केद किये जा रही है ,तेरी याद मझे
रहने दे परिंदों की तरह आजाद मुझे
तन्हा मै दिल कहता है तुमे पाने को
कभी रुब-रूह करने दे फरियाद मुझे
ले ले मेरे दिल से अपनी चाहत वापिस
यह ना छोड़े गी कही का ,कर दे गी बर्बाद मुझे
दिल की बस्ती उजड़ी तो उजड़ जाऊ गा मै भी
उजड़ने से बचा कर दे आबाद मुझे
दिल भी मेरा साथ उम्र भर ना देगा अर्पण
एक बार सुन लो ना सुनना इस के बाद मुझे
राजीव अर्पण

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