Wednesday, May 4, 2011

अदुरी

शिकवे
जेस्से हम को है उन से शिकवे हजारो ,
उन को भी शिकवे हजारो होगे ।
राजीव अर्पण
शबे गम
शबे गम रोशन की दिल जला के,
चेहरा निखारा आंसू बहा के ।
हम ने शिकवे के आंसू तन्हा में बहाए,
उसने ठुकराया मुझे पास बुल्ला के।
राजीव अर्पण

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