शायर
मै शायर हूँ ,तेरे लिए कुछ कर नही सकता
मगर मेरी जान , तेरे किये कुछ शयर लिख दू गा
थाम लेना , वो मेरा , तेरे बदन पे सरकता हाथ
फिर तेरा वो हाथो मै हाथ लेना सरकार लिख दू गा
मिले सफर मै तुम मुझे हमसफर बन के
आँखे झपकते गुजरी घडिया, अजब रफ्तार लिख दू गा
वो तेरा जाना , आँखे मिला के ,आगब से सर झुका के
मेरे दिल पे जो हुई ,प्रेम की आबशार लिख दू गा
जिनगी मै अर्पण हमसफर ना मिला ना सही
जो मिले दो पल उनके लिए ही प्यार लिख दू गा
राजीव अर्पण
No comments:
Post a Comment