गीत
झांझर की झनक है या यु ही ?
मेरा दिल ही मचला जाता है
हम दिल को तसल्ली देते है
ज़रा ठहर के दिल भर आता है
झांझर की झनक है या यु ही
फिजा में ना समां जरा सामने आ
सुने घर में दिल घबराता है
आ लेने दे सनम को पहले तू
ऐ बदल क्यूँ अश्क बहता है
झांझर की झनक है या यु ही
क्या सच ना में है ना तेरी
क्यूँ सजन मुझे तड़पाता है
माना के शर्म एक गहना है
मेरे दिल पे तो खंजर चलाता है
झांझर की झनक है या यु ही
राजीव अर्पण
छुट्टे गी
आखिर गुज़र ही जाएगी ज़िन्दगी
छूटते-छूटते छुट्टे गी तेरी बंदगी
राजीव अर्पण
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