ग़ज़ल
कह दो मेरे लिए तुम हो बेखबर,
इस बात का भी मुझ पे नहीं है असर।
जीना तमना छोड़ के, दिल को तोड़ के ,
सीतम है , सीतम है, सीतम है, जबर।
हर दम ग़म उठाना, तनहा में मिट ते जाना ,
यारों मेरा आशिअना है या एक कबर ।
मुदत से भटक रहा हु ग़म की अन्दियों में,
रहें कर खुदाया, टूटे है अब सबर।
सजते और मुसुक्राते मेरे आशिअने ,
अर्पण के पहलु में एक बार आते तुम अगर।
राजीव अर्पण
महफ़िल
महफ़िल सजे है मुझे न बुलाने के लिए,
सलीका अच है, मेरे दोस्त तदपने के लिए।
ज़िन्दगी के हमने हसीं ख्वाब सजाये थे,
क्या मालूम था अर्पण ज़िन्दगी है अश्क बहाने के लिए।
राजीव अर्पण
prit banjara name ho sakta hai
ReplyDeletedhanyawad google buzz rajiv arpan
ReplyDeletethanks google profile rajiv arpan like
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