होना है
पत्थरों के साथ मुझे पत्थर ही होना है।
प्रीत थी अर्पण सुंदर खिलोने सी ,
एक दिन टूटना था आखिर खिलौना है ।,
दिल का दर्द किसी आगे नही रोना है ।
किसी के प्यार खातिर दीवाना नही होना है ,
गुमान से जागना है आराम से सोना है ,
वास्तु परधान समाज हो गया है ,
तेरे पास दिल है चाँदी है न सोना है ।
मोल की चीजे है दुनिया मे सारी,
मुफ्त मे अर्पण तुमे क्यों खोना है ।
राजीव अर्पण।
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