रास आये
हकीकत मुझे रास आये न आये
कोई मुझ से प्रीत निभाये ना निभाये
ख्वाबो को मै सजाता रहू गा
तडपता रहूगा ,मुस्कुराता रहू गा
दिल दिए की तरह जलता रहू गा
फिर भी दर्द मै छुपता रहूगा
कोई मेरी प्यास बुझाये ना बुझाये
बगिया मे मेरी कोई आये ना आये
मै तो सनम को बुलाता रहूगा
इंतजार मे आंसू बहता रहूगा
तडपे गा दिल तो तडपता रहू गा
जवानी यू ही लुटता रहूगा
मुझ पे कोई अर्पण रहम खाये ना खाये
बाहों मे कोई मेरी आये ना आये
राजीव अर्पण
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