तमन्ना ना कर
ना पूरी होने वाली तमन्ना ना किया कर
जी के ना मर कर, मरके ना जिया कर
तमन्ना मिटने पे खुद को ना मिटाया कर
जन ना जलाया कर, झर ना पिया कर
इतना गम देख कर जल जाये गा कोई
दिल ना दुखाया कर जख्म ना सिया कर
नफरत से जी रहा हु प्यार से मर्व जाऊंगा
मुझे ठुकरा दे ,ओ प्यार ना मिया कर
अर्पण पेट भी देख सिर्फ जिया नही
ऐसे हर बात मे जिया ,जिया ना जिया कर
राजीव अर्पण
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