गुलाबी
गुलाबी गाल चूमने का नशा है रूहानी
तेरे होंठो की रंगत से रंग जाये जिंदगानी
मेरी आरजू हो पूरी तेरी जिंदगानी खिल जाये
हम तुम्हे प्यार करते है कह दो जुबानी
तू रातो को महकने वाली कलि जो ठहरी
फुल उजाले मै महके तभी बिखरा दी जबानी
जो दिमाग ने दिल की खानी छेड़ी है
दिल की धड़कन थमने पे थमेगी कहानी
सदिया क्या जिन्दगी ही बीत चली
जहन मै ताजा है मिलन की शाम सुहानी
हम भटक गये दुनिया की रहो मै अर्पण
न वो अर्पण रहा न तू रही उसकी दीवानी
राजीव अर्पण
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