ग़ज़ल
कोई बात नही कोई बात नही ,
सदा जिन्दगी मे गम की रात नही।
दिल पे गम के बादल छाये है ,
पर आँखों मे बरसात नही ।
इश्क होता है दिल वालो का ,
इस मे होती कोई जात नही ।
तू भी चाहे मै भी चाहू अर्पण ,
फिर क्यों अपनी मुलाकात नही ।
इश्क मे तुने आंसू बक्शे,
दोस्त यह अच्छीसोगात नही।
राजीव अर्पण
कैसे मिटाए गा
सो बार सर कलम किया है मेरे हसरते प्यार का,
हम वो फूल है जिस ने सजदा किया नही बहार का ।
ऐ सनम तू मुझे , मेरे प्यार को कैसे मिटाए गा ,
वही तो जीने का लम्हा है जो होता है तेरे दीदार का
राजीव अर्पण।
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