ग़ज़ल
इंतजार अच्छा नही होता किसी का ,
दुनिया मे ना कीजिये भरोसा किसी का ।
खुशिया अपनी अपने पास छुपा लेना ,
नाज बढने लगे तेवर उठने लगे ,
जब हम ने नाम पुकारा किसी का ।
बे -सहारा हो जाओ गे खुदी से तुम ,
जब भी तुमने सहारा चाह किसी का ।
ढूंढ़ अर्पण तू खुद ही ढूंढ़ उसे अर्पण ,
क्या किसी ने ढूंढा है प्यारा किसी का ।
राजीव अर्पण
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