आना होगा
मै जब -जब भी पुकारू गा तुम्हे आना होगा
मेरे उजड़े दिल की बस्ती को बसाना होगा
देखना हम फिर भी जीते गे मेरे सनम
एक तरफ जमाना ,दूसरी तरफ तेरा दीवाना होगा
सुन-सुन मेरे दिल की दस्ता तो सुन
आज मेरे संग तुम्हे भी दिल तडपाना होगा
ऐ प्यार बता क्यों इतना खूब है आगाज तेरा
कोई ना सोचे अंजाम कितना कत्लाना होगा
ऐ मेरे दिल उनके आने की ख़ुशी तो कर ले
अभी से क्यों सोचे है उनको जाना होगा
कहदे -कहदे कभी तो दिल की कह दे
क्या तेरे होंठो पे सदा झूठा बहाना होगा
दुनिया मै जब भी कही दो दिल मिले गे
उनके होठो पे अर्पण का अफसाना होगा
राजीव अर्पण
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