ग़ज़ल
मजा आता रहता है कुछ देर कुछ खाने के बाद ,
एहसास है तेरा पास होने का तेरे चले जाने के बाद ।
ऐ नाजनी जरा सोच इस तंग दिल दुनिया मे,
क्या इतना चाहने वाला मिले गा इस दीवाने के बाद ।
खुश हू यह एहसास करके ,मै कितना तडपा हू,
क्यों की तुमे भी एहसास होगा मुझे तडपाने के बाद ।
शायद दिल इतना फ़िदा ना होता जो तुम मन जाते ,
हमे तुमसे ओर प्यार आया तेरे ठुकराने के बाद ।
दिल मै बहुत अरमान थे तेरे आने से पहले ,
मै गुमसुम क्यों हो गया तेरे आने के बाद ।
बेशक गुमनाम हू जिक्र नही किसी मफिल मे,
कोई अफसाना नही अर्पण तेरे अफसाने के बाद ।
ऐ हसीन हुक्म कर बन्दा क्या हाजिर करे ,
फिर जेब खली होगी इस आखरी दोआने के बाद।
महफिल साडी गुमसुम सी क्यों हो गई ,
अर्पण तेरी इस ग़ज़ल गाने के बाद।
राजीव अर्पण
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