Mausam by Rajiv Arpan
Wednesday, May 4, 2011
तन्हा
तन्हा
हम इतने तन्हा गमगीन है ,
फिर भी अपनी दुनिया रंगीन है ।
क्या हुआ जो घुंघट ना उठ पाया ,
उसमे ख्वाब की जिन्दगी तो हसीन है ।
राजीव अर्पण
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