जो उतर जाये
जो उतर जाये तेरी मदहोश आँखों से तेरे दिल मे हम
तो सच जानिए ना रहेगा जमाने भर का गम
अगर हम मे कोई कमी तो सिर्फ तेरी है
वरना हम किसी बात मे जमाने से नही कम
अगर तुम्हे नाज है शमा होने का रंग सोने का
तो हम भी परवाने बन के घूमे गे जब तक रहेगा दम
रकीब तो चले गये दो घड़ी उथल -पुथल मचाके
अब महिफल अपनी है ,मेरी पाक -पवित्र प्रीत तू जम
एए मेरे चाँद से सुंदर सजन क्या नाम दू
कोई कहता है शबनम ,कोई तितली कोई रम
राजीव अर्पण
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