बुरे नसीब
इतने करीब रहे है ,सदा मेरे बुरे नसीब
जेसे साया इंसान का रहता है करीब
तमन्ना तो, अब हमने करनी छोड़ दी
कोई तमन्ना पूरी कर सकता नही गरीब
मुहबत मे तो दो चार रकीब थे
रोटी के लिए सारी दुनिया बनी रकीब
मै जन्म देता हू जिन्दगी नही देता
प्रभु ने भी मेरे लिए कह दी बात अजीब
लोग सीखते है हमको भुलानी पड़ी
ग़ुरबत मै कम आती नही तहजीब
मै तो कब का अर्पण हो चूका हू अर्पण
हम तो अर्पण है लोग कहते है राजीव
राजीव अर्पण
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