नही जगाता
मै तमन्ना नही जगाता ,मै तमन्ना नही जगता
मेरी हर तमन्ना के साथ वो भी जाग जाता
मेरी हर तमन्ना उसके प्यार से बंधी है
जहर तमन्नाओ को दे दिया है जब से वो नही बुलाता
न तमन्ना कोई जागे ना लहू रहे बाकी
उस बेवफा से न मिटा तो ऐसा नाहो पाता
मुझे कुछ नही चाहिए ,कोई लालसा नही है
मै कितना खुश नसीब हु मुझे कुछ नही भाता
काश वो मेरे अप्पने होते :मेरे दिल : की तरह
जो नाकामियों मै भी ,कसूरवार नही ठहराता
अगर दो पे गम जो आये तो सहज गुजरता है
अर्पण दिल के साथ शरीर भी है जलता
राजीव अर्पण
as i write this photo titale of my book make for me by great painter.poet and lecturar respected amar chitrkar say me please give me prmition to change few words and lines of my poem. this is greatness a man help me read all my boring book gama da banjara correct spelling wants my permision to change few lines ,this is greatness respected elder brother amar chiterkar rajiv arpan
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