Tuesday, May 3, 2011

GAZAL

गज़ल


दीवानापन हम पे छाने लगा है ,

जेसे-जेसे वो नजदीक आने लगा है।

प्यार ही है जिन्दगी तू जीना इसी मे,

मेरा दिल मुझ को समजने लगा है।

हसीनो की ठोकरों ने हिम्मत ढाई,

मगर तुमे पाना है दिल सताने लगा है।

फरेब मुझ से के बार अदायो ने किये,

दिल फिर आदायो के गीत गाने लगा है।

देवता प्यार का अर्पण के जेहन पे बेठ गया है,

'अर्पण' वो अदायों की भाषा बताने लगा है।

राजीव अर्पण

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