हो गया है
यह मुझे क्या हो गया है
दिल मेरा कहा खो गया है
चलती हुई लहरों पे
मेरा मुकदर सो गया है
पहले मुझे आंसू दे के
आज खुद क्यों रो गया है
हवा के काफले पे आंसू मेरे
यह बादल पिया के देशको गया है
कोन है अर्पण कहा है अर्पण
आरी वही बांवरा आभी जो गया है
राजीव अर्पण
IT IS DIFFICULT WRITE IN SMALL LINES THAN LONG LINES RAJIV ARPAN
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